COVID ALERT IN AMBIKAPUR – कोरोना की सुगबुगाहट होते ही इससे निपटने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार को हुई मॉकड्रिल पुरानी याद दिला गया, जब कोरोना चरम पर था और अस्पतालों में मेडिकल टीम पीपीई किट में किसी फाइटर की तरह नजर आ रही थी।
मॉकड्रिल का नजारा कुछ ऐसा ही था। कोरोना के एक डमी मरीज को एंबुलेंस से उतारकर उसकी जांच और वार्ड में भर्ती कराने के साथ ही मशीनों का कैसे इस्तेमाल किया जाएगा? इसकी टेस्टिंग की गई।
COVID ALERT IN AMBIKAPUR – राहत की बात यह रही कि करीब एक घंटे तक चली मॉकड्रिल में सबकुछ ओके रहा। कुल 50 बेड के आइसोलेशन और आईसीयू वार्ड में तैयार किए गए हैं। यहां लगाए गए मल्टीपैरामीटर, आक्सीजन कंसन्ट्रेटर, वेंटीलेटर और बाकी मशीनें ठीक-ठाक काम की। आइसोलेशन वार्ड में 14 वेंटीलेटर लगाए गए हैं।
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COVID ALERT IN AMBIKAPUR – मॉकड्रिल कर हुई तैयारियां –
सबसे खास बात यह है कि स्टैंड बाई में यहां की क्षमता 100 बेड तक बढ़ाने की गई है, ताकि विषम परिस्थितियों में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। मॉक ड्रिल को देखने कलेक्टर कुंदन कुमार पहुंचे थे। उन्होंने अस्पताल की तैयारी पर संतोष जाहिर किया।
खास बात यह है कि अस्पताल में लगे चारों आक्सीजन प्लांट चालू हैं और इसकी क्षमता 2500 एलपीएम है। इसके अलावा 500 आक्सीजन सिलेंडर भी स्टॉक में हैं। एमएस सीआर आर्या, सीएमएचओ डॉ. आरएन गुप्ता व मेडिकल स्टाफ मौजूद थे। राहत है कि जिले में एक भी पॉजिटिव केस नहीं हैं।
COVID ALERT IN AMBIKAPUR – ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था –
अस्पताल में चारों आक्सीजन जनरेट प्लांट चालू हैं। इससे 2500 एलपीएम (लीटर पर मिनट) आक्सीजन की सप्लाई की क्षमता है। इनमें से 800 एलपीएम क्षमता वाले प्लांट को आइसोलेशन वार्ड के लिए रिजर्व कर दिया गया। बाकी के तीन प्लांट से अस्पताल में सप्लाई हो रही है। जंबो आक्सीजन सिलेंडर का स्टाक है, जिसे बैकअप के लिए रखा है। इससे उस समय आक्सीजन सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जब प्लांट से किन्हीं कारणों से सप्लाई बंद हो जाए।
COVID ALERT IN AMBIKAPUR – आरटीपीसीआर जांच हेतु 1000 मीडिया स्टाफ –
तैयारी में वायरोलॉजी लैब में कोरोना की आर्टिफिशियल जांच के लिए 1000 मीडिया का स्टाफ रखा है। वहीं वार्ड में ड्यूटी के लिए एक डॉक्टर, एक इंचार्ज सिस्टर, दो नर्सिंग स्टाफ, व दो वार्ड बॉय की ड्यूटी लगाई जाएगी मरीज आने पर यह रोस्टर होगा।
500 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का स्टाफ है। इसमें 350 जंबो, बाकी के छोटे साइज के ऑक्सीजन सिलेंडर है। साथ ही आईसीयू भी तैयार किया जा रहा है यह टेली मेडिसिन की तरह होता है इससे हायर सेंटर के विशेषज्ञ डॉक्टर से मरीज के इलाज में मदद ली जाएगी।