AMBIKAPUR NEWS – प्रातःकाल उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देकर और हवन पूजन के साथ चैती छठ का हुआ समापन।

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AMBIKAPUR NEWS – प्रातःकाल उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देकर और हवन पूजन के साथ चैती छठ का हुआ समापन।

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13 अप्रैल से शुरू हुए चैती छठपर्व का आज सूर्यदेव को अर्घ्य देकर समापन किया गया। छठव्रतियों द्वारा कठिन व्रत के पश्चात आज अम्बिकापुर के शंकरघाट समेत अन्य घाटों पर चहलपहल दिखी।

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AMBIKAPUR NEWS – चैती छठ की घाटों पर दिखी रौनक –
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उपासना का पर्व चैती छठ की तैयारियां 13 अप्रैल से शुरू हो गई थीं। जहां अम्बिकापुर स्थित शंकरघाट व श्याम घुनघुट्टा नदी पर साफ-सफाई के साथ सभी प्रकार की छठव्रतियों के लिए तैयारियां की गई थीं। समिति के युवाओं द्वारा जोरों-शोरों से उपासना के पर्व चैती छठ पर छठव्रतियों के रुकने व तेज धूप में पानी की व्यवस्था भी की गई। टेंट, पंडाल लाइट जैसी सुविधाएं भी घाटों पर देखने को मिलीं।

AMBIKAPUR NEWS – नहाय-खाय से शुरू हुआ पर्व –

छठव्रतियों द्वारा 13 अप्रैल से नहाय-खाय व खीर भोजन के साथ पर्व शुरू किया गया। वहीं 14 अप्रैल को संध्या अर्घ्य दिया गया वहीं प्रातःकाल उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया गया। चैती छठ पर्व कठिन तपस्या का पर्व है क्योंकि चैत माह में तेज धूप व गर्मी के बीच महिलाओं द्वारा व्रत रखा जाता है।

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AMBIKAPUR NEWS – चैती छठ करने से सभी मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण –

चैत्र माह में आने वाले छठ को चैती छठ पर्व के नाम से जाना जाता है। कार्तिक माह के समान ही इसे मनाया जाता है। इसे यमुना छठ भी कहा जाता है। इसके पीछे का कारण है यह है कि यमुना धरती पर प्रकट हुई थीं। चैती छठ परस्नान, दान, पूजा-पाठ का विषेश महत्व है। मान्यताओं के अनुसार चैती छठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।