AMBIKAPUR NEWS – आईसीएमआर दिल्ली द्वारा ब्रुसेलोसिस की जांच के लिए अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज को मिली अनुमति।
आईसीएमआर दिल्ली द्वारा संक्रमित जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी ब्रूसेलोसिस की जांच के लिए अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज को अनुमति मिल गई है।
AMBIKAPUR NEWS – संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है यह बैक्टीरिया –
मेडिकल कॉलेज के द्वारा लैब विकसित करने के साथ संदिग्ध मरीजों का ब्लड सैंपल जांच हो सकेगा। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक ब्रुसेलों से इस बीमारी ब्रूसेला बैक्टीरिया से होती है दिन डॉक्टर रमेश मूर्ति ने बताया कि आमतौर पर संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आने से इस बैक्टीरिया का फैलाव मनुष्य में होता है।
AMBIKAPUR NEWS – डीन डॉ. रमनेश मूर्ति ने बताया कि –
AMBIKAPUR NEWS आईसीएमआर से ब्रुसेलोसिस बीमारी की जांच की अनुमति मिल गई है। मेडिकल कॉलेज के अधीन 50 बेड के मेंटल अस्पताल और कैंसर यूनिट की स्थापना के लिए 118 करोड़ रूपए का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सुपर स्पेसलिटी हास्पिलट के लिए शासन से 20 एकड़ भूमि की मांग की गई है। चुनाव संपन्न होने और आचार संहिता हटने के बाद इन प्रस्तावों पर मंजूरी मिलने की उम्मीद है। राशि की स्वीकृति मिलते ही सरगुजा अंचल को पुनः मेंटल अस्पताल और कैंसर यूनिट की सौगात मिलेगी।
AMBIKAPUR NEWS – ब्रुसेलोसिस के बारे में विस्तार से जानें –
ब्रुसेलोसिस मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से या दूषित कच्चा दूध या अन्य डेयरी उत्पादों या अधपके दूषित मांस का सेवन करने से होता है।
◆ लोगों को आमतौर पर बुखार, ठंड लगना, गंभीर सिरदर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, हड्डी और जोड़ों में दर्द और अन्य पूरे शरीर में लक्षण होते हैं।
◆अधिकांश लोग 2 से 3 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं, यहां तक कि उपचार के बिना भी।
◆ डॉक्टर रक्त टेस्ट और कल्चर के परिणामों को निदान का आधार बनाते हैं।
◆ इलाज होने की संभावना बढ़ाने के लिए एक ही समय में दो एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं।
AMBIKAPUR NEWS – ब्रुसेलोसिस मुख्य रूप से इनके द्वारा प्राप्त होता है –
◆ खेत के संक्रमित जानवरों के साथ सीधे संपर्क में रहना
दूषित कच्चा दूध या अन्य डेयरी उत्पादों या अधपके दूषित मांस का सेवन करना।
◆ यदि लोग संक्रमित कुत्तों, हिरण, मूस, भैंस या अन्य जानवरों के संपर्क में हैं या यदि वे बैक्टीरिया युक्त हवाई कणों में सांस लेते हैं तो भी वे ब्रुसेलोसिस प्राप्त कर सकते हैं। ब्रुसेलोसिस बहुत ही कम एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
ब्रुसेलोसिस होने के ज़्यादा जोखिम वाले लोगों में प्रयोगशाला कार्यकर्ता और वे लोग शामिल हैं जो मांस पैक करने, पशु चिकित्सक, शिकारी किसान और पशुधन उत्पादकों सहित संक्रमित जानवरों या पशु ऊतक की देख-रेख करते हैं।
कुछ बैक्टीरिया को सांस द्वारा अंदर लेने से ही संक्रमण हो सकता है। इस प्रकार, बैक्टीरिया का उपयोग जैविक युद्ध में किया जा सकता है।