AMBIKAPUR – प्रदेश में हवाई सेवाओं का संचालन बढ़ता जा रहा है, जिससे सुविधाएं विकसित हो रही हैं। रायपुर, प्रदेश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, बिलासपुर के चकरभाठा स्थित बिलासा बाई केंवट हवाई पट्टी से जुड़ी हैं, अनुभवी यात्रीगण को सुविधा प्रदान करती हैं। जिले के उत्कृष्ट उद्यमी और नागरिकों के लिए यह विकास एक सकारात्मक कदम है।
AMBIKAPUR – सिंधिया ने टीएस सिंह देव के पत्र के जवाब में लिखा –
ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार, हवाई सेवा AMBIKAPUR जिले में भी शुरू होने वाली है। इससे नागरिकों को अब और भी आसानी से हवाई यात्रा का अनुभव होगा। यह प्रगति न केवल स्थानीय विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि प्रदेश के व्यापक संचार को भी मजबूती प्रदान करेगी। नई हवाई सेवाओं के साथ, प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक परिवर्तन होने की संभावना है।
AMBIKAPUR – सिंधिया ने बताया हवाई अड्डे से जुड़ी यह बातें –
कृपया दिनांक 15.12.2023 के अपने पत्र का संदर्भ लें, जो कि अंबिकापुर हवाईअड्डा से नियमित हवाई सेवा प्रारंभ करवाए जाने से संबंधित है।
अंबिकापुर हवाई अड्डे का स्वामित्व छत्तीसगढ़ सरकार के पास है। उड़ान योजना के पहले दौर के अंतर्गत, अंबिकापुर हवाई अड्डे को आरसीएस उड़ानों के प्रचालन हेतु विकसित करने के लिए चिन्हित किया गया था। हवाईअड्डे का 3C-VFR के रूप में विकास कार्य पूरा हो गया है और लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
उड़ान 4.2 के तहत, अंबिकापुर-बिलासपुर-अंबिकापुर और अंबिकापुर-रायपुर-अंबिकापुर मार्ग को फ्लाई बिग एयरलाइन को अवार्ड कर दिया गया है। लाइसेंस प्राप्त होने के बाद, एयरलाइन अंबिकापुर से उड़ानें प्रचालित कर सकती हैं। अम्बिकापुर-वाराणसी-अम्बिकापुर मार्ग उड़ान योजना के तहत अवार्ड नहीं किया गया है। उड़ान के आगामी दौर में यदि इस मार्ग के लिए कोई बोली प्राप्त होती है, तो उस पर योजना के मानदंडों के तहत विचार किया जाएगा।
मैं आपको इस आशय से अवगत कराना चाहूंगा कि मार्च, 1994 में वायु निगम अधिनियम को समाप्त कर दिए जाने के साथ ही भारतीय घरेलू विमानन को पूरी तरह से नियंत्रणमुक्त कर दिया गया है। एयरलाइनें अपनी प्रचालन और वाणिज्यिक व्यवहार्यता के आधार पर देश के किसी भी हवाईअड्डे के लिए हवाई सेवाएं प्रचालित करने के लिए स्वतंत्र है।