विवाद की वजह एक पादरी के स्थानांतरण को लेकर शुरू हुई थी

और जब उस पादरी का स्थानांतरण कर दिया गया तो पुनः संपूर्ण मसीही

क समूह होकर आराधना करने की अपनी इच्छा व्यक्त की और इस विषय पर कार्य शुरू किया गया।

अब केदारपुर जीईएल चर्च दो भागों में नहीं वरन प्रति रविवार सुबह साढ़े आठ बजे से संचालित हुआ करेगी।

गोस्सनर इवेंजिकल लूथरन चर्च 1845 से यानि लगभग 169 वर्षों से भारत में सेवा के कई कार्य कर रहा है।

इसी के तहत छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में भी इसके अनुयाई हैं।

सरगुजा जिले के केदारपुर में स्थित गोस्सनर इवेंजिकल लूथरन चर्च 1968 से संचालित है।