SURGUJA UNIVERSITY – विकसित भारत बनाने की सोंच मजबूत करने हेतु सरगुजा विश्वविद्यालय में दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन।
SURGUJA UNIVERSITY – संत गहिरा गुरु विवि व पीजी कॉलेज ने अम्बिकापुर के द्वारा आयोजित दो-दिवसीय कार्यशाला को विकसित भारत की थीम पर आयोजित किया था। इस कार्यशाला के समापन समारोह में पूर्व आईएफएस राजीव मिश्रा व डॉ. रत्नाकर त्रिपाठी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। अध्यक्षता कुलपति प्रो. अशोक सिंह ने की।
SURGUJA UNIVERSITY – कृषि क्षेत्र में हुई विस्तार से चर्चा –
कार्यशाला के समापन समारोह में, इंदिरा गांधी कृषि विवि के प्राध्यापक प्रो. व्हीके सिंह ने तत्कालिक आवश्यकता और लक्ष्यपरक विकास के लिए विस्तार से चर्चा की। उन्होंने उन्नत कृषि व्यवस्था और रिसर्च पर प्रतिभागियों को विस्तार से बताया। उन्होंने यह उद्देश्य रखा कि विशेषज्ञों की मदद से स्थानीय स्तर पर कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास हो सके। वे भारतीय कृषि को ग्लोबल मानकों के साथ मिलाने के लिए भी विचार करते थे।
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प्रो. व्हीके सिंह ने कहा, “कृषि क्षेत्र में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और नवाचार के लिए समर्थ लोगों की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के लिए उच्च-तकनीकी समाधान उपलब्ध हों।” इसके अलावा, कार्यशाला में समाहित होने वाले प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव और विचारों का साझा किया। इससे कृषि क्षेत्र में नए और उन्नत विचार उत्पन्न होने का मार्ग प्रकट हुआ।
SURGUJA UNIVERSITY – महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है यह कार्यशाला –
यह कार्यशाला एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है जहां कृषि और रिसर्च क्षेत्र के विशेषज्ञ और प्रदेशों के ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े लोगों को एक साथ आने का मौका मिलता है और वे अपने अनुभवों और ज्ञान को साझा करते हैं। इस प्रकार, यह कार्यशाला भारतीय कृषि क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करती है।
प्राध्यापक अनिल सिन्हा ने विकसित भारत विजन 2047 के माध्यम से एक चुनौतीपूर्ण पावर प्रेजेंटेशन किया। उन्होंने बताया कि अगले 25 सालों तक भारत को नवाचार, प्रोद्यौगिकी, संरचनात्मक रूपान्तरण, शासन सुधार, हरित क्रांति, आदि के माध्यम से विकास की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
SURGUJA UNIVERSITY – बोलियों-भाषाओं के द्वंद के बारे में रखा गया विचार –
मुख्य वक्ता डॉ. रत्नाकर त्रिपाठी ने बोलियों और भाषाओं के द्वन्द के बारे में अपने विचार रखे। उन्होंने संगीत, क्षेत्रीय भाषा, लोक संगीत, संगीत के डेटाबेस, भोजपुरी, हरियाणवी, हिमांचल प्रदेश के सिनेमा और संगीत के बारे में विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने भाषा और संगीत के महत्व को उजागर किया और इसे राष्ट्रीय एकता और विकास के लिए एक माध्यम के रूप में देखा। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के संगीत और भाषाओं को एक साथ आने की आवश्यकता को उजागर किया और इसे राष्ट्रीय एकता के लिए एक स्रोत माना।
डॉ. त्रिपाठी ने भारतीय संगीत के साथ ही भारतीय सिनेमा को भी महत्वपूर्ण रूप से उजागर किया। उन्होंने भोजपुरी, हरियाणवी, हिमांचल प्रदेश के सिनेमा को उच्च स्थान पर रखा और उनके महत्व को विश्वस्तरीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया।
SURGUJA UNIVERSITY – समाज में विकास के लिए विविध क्षेत्रों में दिए महत्वपूर्ण विचार –
इस प्रेजेंटेशन के माध्यम से, डॉ. अनिल सिन्हा और डॉ. रत्नाकर त्रिपाठी ने भारतीय समाज के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नए दृष्टिकोण और उपायों के बारे में महत्वपूर्ण विचार दिये। उन्होंने सामाजिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक दृष्टि से देश के विकास को बढ़ावा देने के उपायों पर गहराई से विचार किया।
प्रोफेसर अशोक सिंह, गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलपति, ने हाल ही में विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में विश्वविद्यालय में नए विभाग, रिसर्च सेंटर, और पाठ्यक्रम शुरू होंगे। उनका कहना था कि भारत को विकसित बनाने के लिए, हमें सबसे पहले अपने आपको विकसित करना होगा। इसलिए, विश्वविद्यालय ने नए विभागों और पाठ्यक्रमों की शुरूआत की।
SURGUJA UNIVERSITY – कार्यशाला के दौरान हुआ पुस्तक विमोचन –
इस उत्कृष्ट पहल के अंतर्गत, प्रोफेसर सिंह ने डॉ. रत्नाकर त्रिपाठी द्वारा लिखित एक पुस्तक का विमोचन भी किया। यह पुस्तक विश्वविद्यालय के विकास और शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संसाधन है।
इस अवसर पर, कार्यक्रम का संचालन समन्वयक आनंद व आभार प्रदर्शन कुलसचिव विनोद कुमार एक्का ने किया। उन्होंने सभी को इस उत्कृष्ट पहल की सफलता के लिए बधाई दी और उनके योगदान के लिए धन्यवाद भी दिया। इसके अलावा, प्रोफेसर सिंह ने उद्घाटन समारोह में भाग लेने वाले सभी लोगों को भी उनकी सक्रियता और सहयोग के लिए स्नेहपूर्ण धन्यवाद दिया।
SURGUJA UNIVERSITY – विश्वविद्यालय के विकास में यह कार्यशाला महत्वपूर्ण कदम –
इस उत्कृष्ट कार्यक्रम ने गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। नए विभागों, रिसर्च सेंटर, और पाठ्यक्रमों के शुरू होने से, विश्वविद्यालय छात्रों को एक और गुणवत्ता के साथ शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होगा। इसके साथ ही, यह विकास भारतीय शिक्षा प्रणाली में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो देश के विकास के माध्यम से सीधे योगदान करेगा।
इस उत्कृष्ट पहल के माध्यम से, गहिरा गुरु विश्वविद्यालय ने अपने उद्देश्य की ओर एक और कदम बढ़ाया है। अब, विश्वविद्यालय नए उत्कृष्टता के आधार पर अपने छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए तत्पर है।