SURGUJA UNIVERSITY – सरगुजा विश्वविद्यालय द्वारा अब तक जारी नहीं किया गया प्रथम सेमेस्टर का रिजल्ट, द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा सिर्फ़ तीन माह में… जून के अंतिम सप्ताह में परीक्षा आयोजन की मांग।
एनईपी लागू होने के पश्चात् संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली लागू की गई है। बीए बीएससी बीकॉम के साथ ही रोजगार उन्मुखीकरण की ओर जोर दिया जा रहा है। अब छात्र वैल्यू एडेड कोर्स, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम, जनरल इलेक्टिव सब्जेक्ट का चयन करने हेतु सक्षम है।
SURGUJA UNIVERSITY – छात्रों की समस्या को आजाद सेवा संघ ने कुलपति के समक्ष रखा –

आजाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा ने महाविद्यालयीन छात्र छात्राओं की मांग एवं मानसिक तनाव संबंधित बिंदु को कुलपति के समक्ष प्रस्तुत किया है। छात्र छात्राओं को सर्वाधिक समस्या परीक्षा परिणाम घोषित नहीं होने से विषय चयन में आ रही है, कुछ तकनीकी गड़बड़ी भी एडमिशन पोर्टल पर चल रही है। जिससे संभाग भर के शासकीय महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र परेशान हैं, कि आखिर परिणाम अनुसार किस विषय का चयन करें अथवा किस विषय की जीई हेतु जारी सीआईए परीक्षा में शामिल होना है।
SURGUJA UNIVERSITY -द्वितीय सेमेस्टर कोर्स मार्च माह से हुआ शुरू –
द्वितीय सेमेस्टर कोर्स भी मार्च माह से शुरू हुआ है, लेकिन छात्र छात्राओं को परीक्षा की सुगबुगाहट मई अंतिम सप्ताह में सुनने से पाठ्यक्रम दबाव बढ़ गया है। छह माह अनुकूल निर्धारित 60 घंटे की क्रेडिट स्कोर की पढ़ाई भी इन्हें करवाई जानी है लेकिन एक माह में 15-16 कक्षा ही संभव है। प्राईवेट छात्र छात्राओं को भी विषय चयन और महाविद्यालयों द्वारा संचालित सीआईए इंटरनल एग्जाम में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
SURGUJA UNIVERSITY -द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों के हित में संघ ने किया मांग –
आजाद सेवा संघ ने द्वितीय सेमेस्टर के छात्र छात्राओं के हित में मांग रखी है कि नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुसार ही सिलेबस पूर्ण होने पर परीक्षा आयोजन जून के अंतिम सप्ताह में करवाया जाए। प्रथम एवं द्वितीय सीआईए टेस्ट में छूटे हुए या विषय चयन से वंचित बच्चों के लिए दुबारा आंतरिक परीक्षा सीआईए आयोजन करवाया जाए। “शिक्षित करें, प्रोत्साहित करें, प्रबुद्ध करें के आदर्श वाक्य के साथ, यह भारत में पिछले 34 वर्षों में जारी होने वाली पहली शिक्षा नीति है। छात्र छात्रों के इन बुनियादी हितों का ख्याल रखना विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है।
कुलपति द्वारा इस संबंध में आश्वस्त किया गया है कि छात्र हित मेंं सभी समस्याओं पर विचार करते हुए ही निर्णय लिया जाएगा। कुलसचिव द्वारा यह भी आश्वस्त किया गया है कि छात्र हित में और क्या किया जा सकता है, अवश्य किया जाएगा।
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