POONAM PANDEY – अभिनेत्री पूनम पांडे ने खुद अपने निधन से उठाया पर्दा ….क्या सोशल मीडिया के ऐसे दुरुपयोग पर होगी कार्रवाई ?

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POONAM PANDEY – अभिनेत्री पूनम पांडे ने खुद अपने निधन से उठाया पर्दा ….क्या सोशल मीडिया के ऐसे दुरुपयोग पर होगी कार्रवाई ?

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POONAM PANDEY – एक इंस्टाग्राम पोस्ट से शुरू हुई पूनम पांडे की मौत की खबर मिस्ट्री बन गई थी। पूनम पांडे की मौत की खबर 2 फरवरी की सुबह आई थी। उनकी मैनेजमेंट टीम ने इस बात का ऐलान किया था कि एक्ट्रेस की मौत हो चुकी है। इसका कारण सर्वाइकल कैंसर बताया गया था। लेकिन पूनम पांडे जिंदा हैं।

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POONAM PANDEY – कैंसर से जागरूकता के लिए उठाया यह कदम –
POONAM PANDEY

मॉडल और अभिनेत्री POONAM PANDEY जिंदा निकलीं। शुक्रवार को अपने मैनेजर के हवाले से उन्होंने खुद की मौत का फर्जी पोस्ट सोशल मीडिया पर डाला था। पूरे दिन उनके मौत पर रहस्य बना रहा। न तो उनके परिवार की ओर से इसे लेकर कोई बयान दिया गया। न ही उनका शव कहीं दिखा। आखिरकार शनिवार को उन्होंने एक वीडियो जारी करके कहा कि उनका निधन नहीं हुआ है। उन्होंने दावा किया कि यह सब उन्होंने कैंसर से जागरुकता पैदा करने के लिए किया था।

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POONAM PANDEY – सोशल मीडिया के ज़रिए किया खुलासा –
POONAM PANDEY

इंस्टाग्राम पर POONAM PANDEY ने अपना वीडियो शेयर किया है। इसमें पूरा तरह स्वस्थ बैठी हुई वो नजर आ रही हैं। एक्ट्रेस ने कहा, ‘मैं जिंदा हूं। सर्वाइकल कैंसर से मेरी मौत नहीं हुई है. दुर्भाग्य से मैं उन हजारों महिलाओं के लिए ये नहीं कह सकती जिन्होंने सर्वाइकल कैंसर से जंग लड़कर अपनी जान गंवाई है। वो इसके बारे में कुछ नहीं कर पाईं, क्योंकि उन्हें कुछ पता ही नहीं था। मैं आपको यहां बताना चाहती हूं कि किसी दूसरे कैंसर के उलट सर्वाइकल कैंसर को हराना मुमकिन है। आपको बस अपने टेस्ट करवाने हैं और एचपीवी वैक्सीन लगवानी है।’

POONAM PANDEY – सोशल मीडिया के ऐसे दुरुपयोग पर क्या होगी सजा ?

POONAM PANDEY – विराग बताते हैं, कंप्यूटर, मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अपराध के खिलाफ कारवाई के लिए आईटी एक्ट 2000 में प्रावधान हैं। धारा 67 के तहत सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक, भड़काऊ या समुदायों के बीच नफरत पैदा करने वाले पोस्ट, बीडियो या तस्वीर शेयर करने पर जेल के साथ जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

पहली बार दोषी पाए जाने पर तीन साल की जेल के साथ पांच लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर यही अपराध दोहराया तो दोषी को पांच साल की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। झूठ फैलाना, झूठी जानकारी वाले ईमेल या मैसेज भी अपराध के दायरे में आते हैं।