GUIDLINE FOR COACHING CENTRES – कोचिंग सेंटर्स मनमानी तरीके से नही कर पाएंगे काम ….सरकार ने जारी की गाइडलाइन। उल्लंघन पर जुर्माना।

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GUIDLINE FOR COACHING CENTRES – कोचिंग सेंटर्स मनमानी तरीके से नही कर पाएंगे काम ….सरकार ने जारी की गाइडलाइन। उल्लंघन पर जुर्माना।

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GUIDLINE FOR COACHING CENTRES – अब कोंचिंग सेंटर्स मनमानी तरीके से काम नहीं कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने देश के सभी प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स के लिए गाइडलाइन जारी की है। अब इन कोचिंग सेंटर्स को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। साथ ही कोचिंग सेंटर 16 साल के कम उम्र के बच्चों का एनरोलमेंट नहीं करा सकेंगे। इसके अलावा कोचिंग सेंटर किसी से ज्यादा फीस भी नहीं ले सकेंगे। केंद्र सरकार ने ये गाइलाइन देश भर में हो रहे छात्रों के सुसाइड मामलों व कोचिंग सेंटर्स की मनमानी को देखते हुए जारी किया है। देश भर में प्राइवेट कोचिंग सेंटरों को रेगुलेट करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है।

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GUIDLINE FOR COACHING CENTRES – नवीनतम दिशानिर्देशों का करना होगा पालन –
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गाइडलाइन के मुताबिक, प्रोफेशनल कोर्सों के लिए ट्रेनिंग देने वाले कोचिंग सेंटर्स को अब नवीनतम दिशानिर्देशों के मुताबिक, अग्नि सुरक्षा और भवन सुरक्षा मानदंडों के अनुरूप होने के अलावा छात्रों को साइकोलॉजी और मेंटल हेल्थ सपोर्ट भी देंगे।

बता दें कि कोचिंग सेंटर के रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन 2024 के लिए मंगलवार को तैयार दिशानिर्देश उचित कार्रवाई के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेज दिए गए जबकि कुछ राज्यों में पहले से ही कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने वाले कानून हैं, नेशनल लेवल पर अधिक फीस वसूलने वाले अनरेगुलेटेड प्राइवेट कोचिंग सेंटरों की बढ़ती संख्या और छात्रों पर अनुचित तनाव पैदा करने के बारे में चिंता व्यक्त की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप छात्र आत्महत्याएं हुईं।

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GUIDLINE FOR COACHING CENTRES – सुसाइड के केस अधिक –

जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है, “छात्रों पर हाई कंपटीशन और एकेडमिक प्रेशर के कारण, कोचिंग सेंटरों को छात्रों की मानसिक भलाई के लिए कदम उठाना चाहिए और अपने छात्रों पर बिना दबाव डाले बिना क्लासेस चला सकते हैं। आगे कहा गया, “कोचिंग संस्थानों को मानसिक तनाव और अवसाद के समाधान के लिए छात्रों को परामर्श देने और साइकोलॉकिल मदद करने के लिए अनुभवी साइकोलॉजिस्ट को शामिल करने के लिए कहा जाता है।” इसने मेंटल हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए एक रूपरेखा तैयार की, जिसमें मानसिक भलाई, दृष्टिकोण और व्यवहार, मनोसामाजिक समस्याओं और गंभीर समस्याओं या मानसिक विकारों से शुरू होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए संस्थान को तैयार रहेने को कहा गया है।

GUIDLINE FOR COACHING CENTRES – उल्लंघन हुआ तो जुर्माना –
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GUIDLINE FOR COACHING CENTRES – इन रजिस्ट्रेशन या शर्तों के किसी भी नियम और शर्तों के उल्लंघन के मामले में, कोचिंग सेंटर पहले क्राइम के लिए ₹25,000, दूसरी बार उल्लंघन के लिए ₹1 लाख और इसके बाद भी अपराध के लिए रजिस्ट्रेशन रद्द करने के व जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा।

GUIDLINE FOR COACHING CENTRES – सुबह जल्दी और देर शाम नही चलेंगी कोचिंग क्लासेस –

किसी भी परिस्थिति में स्कूलों या संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के वर्किंग घंटों के दौरान कोचिंग कक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकतीं, जिससे उनकी नियमित उपस्थिति प्रभावित हो सकती है। दिशानिर्देशों में पाठ्यक्रम को एक दिन में 5 घंटे से अधिक नहीं (सुबह बहुत जल्दी या शाम को बहुत देर से नहीं), छात्रों और शिक्षकों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाता है और साप्ताहिक अवकाश के बाद वाले दिन कोई मूल्यांकन परीक्षण नहीं दिया जाता है। त्योहारों के दौरान, कोचिंग सेंटर छात्रों को अपने परिवार के साथ जुड़ने और “भावनात्मक बढ़ावा” पाने में सक्षम बनाने के लिए “छुट्टियों को अनुकूलित” करेंगे।

GUIDLINE FOR COACHING CENTRES – कानूनी ढांचे के तहत जारी हुआ गाइडलाइन –

बता दें कि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची में आती है जिस पर केंद्र और राज्य कानून बना सकते हैं। वर्तमान में, कुछ राज्यों में निजी कोचिंग और ट्यूशन कक्षाओं को विनियमित करने के लिए एक कानूनी ढांचा है। इनमें बिहार, गोवा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और मणिपुर शामिल हैं। कोटा में बढ़ती आत्महत्याओं के मद्देनजर राजस्थान सरकार द्वारा पिछले साल इस संबंध में एक विधेयक पेश किया गया था, जिसे राजस्थान कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) बिल, 2023 कहा गया था।

GUIDLINE FOR COACHING CENTRES – जानकारी दे दें कि साल 2017 में शीर्ष अदालत ने इसे नीतिगत मुद्दा बताते हुए इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। निजी कोचिंग सेंटर्स को विनियमित करने के लिए एक दिशानिर्देश विकसित करने पर मंत्रालय में विचार-विमर्श शुरू हुआ। अप्रैल में, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को नियम तोड़ने वाले संस्थानों के लिए नियमन और सख्त दंड व्यवस्था के लिए कार्रवाई करने को कहा गया था।