FSSAI – भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर और मिनरल वाटर को “उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणी” में किया शामिल… शोध में किया गया दावा।

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FSSAI – भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर और मिनरल वाटर को “उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणी” में किया शामिल… शोध में किया गया दावा।

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हम अक्सर पैकेज्ड पानी को सुरक्षित समझकर पीते हैं, लेकिन एफएसएसएआई ने इसे लेकर बड़ा खुलासा किया है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर और मिनरल वाटर को ‘उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ’ की श्रेणी में रखा है, जिससे उन पर सख्त गुणवत्ता मानक लागू होंगे और लगातार निगरानी रखी जाएगी।

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FSSAI – बोतलबंद पानी पर एफएसएसएआई की रहेगी नजर –

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अन्य उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थों में दूध, मांस, समुद्री भोजन, शिशु आहार और तैयार खाद्य उत्पाद शामिल हैं। नए नियमों के तहत, बोतलबंद पानी के निर्माताओं को हर साल निरीक्षण और एफएसएसएआई द्वारा अनुमोदित खाद्य सुरक्षा ऑडिट से गुजरना होगा, ताकि गुणवत्ता सुधारी जा सके और स्वास्थ्य जोखिम कम किए जा सकें।

FSSAI – शोध में किया गया खुलासा –

एक अध्ययन के अनुसार, बोतलबंद पानी में पहले सोचे गए स्तर से 10 से 100 गुना अधिक प्लास्टिक कण हो सकते हैं। शोध में पाया गया कि एक लीटर पानी में औसतन 2.4 लाख प्लास्टिक कण होते हैं, जिनमें से 90% नैनोप्लास्टिक होते हैं, जो इतने छोटे होते हैं कि दिखते भी नहीं।

ये नैनोप्लास्टिक शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और हानिकारक रसायनों को फैला सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक से बचने के लिए कांच या स्टेनलेस स्टील की बोतलों में रखा नल का पानी बेहतर विकल्प है, और यही सावधानी प्लास्टिक में पैक खाद्य और पेय पदार्थों के लिए भी अपनाई जानी चाहिए।

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