CHHATTISGARH CULTURE – आइये जानते हैं छ.ग की संस्कृति व समृद्धि के बारे में, विशेष लेख अभिषेक गुप्ता द्वारा।
(विशेष लेख – अभिषेक गुप्ता )
छत्तीसगढ़, मध्य भारत का एक खूबसूरत राज्य है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है। राज्य की संस्कृति आदिवासी परंपराओं, लोक कलाओं, नृत्यों, संगीत और हस्तशिल्पों का एक जीवंत मिश्रण है। इस लेख में हम छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति की एक झलक पेश करेंगे।
CHHATTISGARH CULTURE – लोक कला व शिल्प कला छ.ग के संस्कृति का अभिन्न अंग –
छत्तीसगढ़ की लोक कलाएं और शिल्प इसकी संस्कृति का एक अभिन्न अंग हैं। सुआ नृत्य, पंथी नृत्य और गौर नृत्य राज्य के प्रमुख नृत्य रूप हैं। सुआ नृत्य महिलाओं द्वारा किया जाता है और इसमें सुंदर वेशभूषा और गहने शामिल होते हैं। पंथी नृत्य एक धार्मिक नृत्य है जो भगवान शिव की पूजा के दौरान किया जाता है। गौर नृत्य एक युद्ध नृत्य है जो पुरुषों द्वारा किया जाता है और इसमें तलवारबाजी और अन्य मार्शल आर्ट प्रदर्शन शामिल होते हैं। छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प भी अत्यधिक सम्मानित हैं। छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध हस्तशिल्पों में एक है धुरवा, एक प्रकार का बांस की टोकरी। अन्य लोकप्रिय हस्तशिल्पों में शामिल हैं सुआ, पीतल के बर्तन, और लकड़ी की नक्काशी।
CHHATTISGARH CULTURE – छ.ग का लोक संगीत –
छत्तीसगढ़ का लोक संगीत भी इसकी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पंथी, सुआ और गौर नृत्यों के साथ-साथ कई लोक गीत भी गाए जाते हैं। इन गीतों में प्रेम, प्रकृति, और धर्म जैसे विषयों को शामिल किया जाता है। छत्तीसगढ़ के लोग मुख्य रूप से हिंदू धर्म का पालन करते हैं। राज्य में कई हिंदू त्योहारों का उत्साहपूर्वक पालन किया जाता है, जैसे होली, दिवाली और दुर्गा पूजा। छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले कुछ प्रमुख त्योहारों में छेरछेरा पर्व, हरियाली तीज और पोला शामिल हैं।
CHHATTISGARH CULTURE – 75 दिनों तक मनाया जाता है छ.ग के बस्तर का प्रमुख त्यौहार दशहरा –
बस्तर दशहरा छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भाग में स्थित बस्तर संभाग का प्रमुख त्योहार है। यह दशहरा का एक अनूठा रूप है जो अन्य क्षेत्रों के दशहरे से काफी भिन्न है। बस्तर दशहरा लगभग 75 दिनों तक चलता है, जो इसे भारत के सबसे लंबे चलने वाले त्योहारों में से एक बनाता है।
CHHATTISGARH CULTURE – बस्तर दशहरा बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह आदिवासी संस्कृति, कला और परंपराओं को प्रदर्शित करता है। यह त्योहार स्थानीय लोगों के लिए आस्था, उत्साह और एकता का प्रतीक है।
CHHATTISGARH CULTURE – छत्तीसगढ़ी व्यंजन –
छत्तीसगढ़ी व्यंजन मसालेदार और स्वादिष्ट होते हैं। राज्य के कुछ लोकप्रिय व्यंजनों में धुरवा भात, सर्रा, और चावल का खीर शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में मांसाहारी और शाकाहारी दोनों तरह के व्यंजन उपलब्ध हैं। छत्तीसगढ़ में एक बड़ी आदिवासी आबादी निवास करती है। आदिवासी अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं। आदिवासी लोग जंगलों में रहते हैं और कृषि, शिकार और जंगल उत्पादों के संग्रहण पर निर्भर करते हैं। आदिवासी संस्कृति नृत्य, संगीत, हस्तशिल्प और धार्मिक अनुष्ठानों से समृद्ध है।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति एक समृद्ध और विविध विरासत है। राज्य की लोक कलाएं, नृत्य, संगीत, हस्तशिल्प और धार्मिक परंपराएं इसकी संस्कृति का एक अभिन्न अंग हैं। छत्तीसगढ़ की यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति को राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव अवश्य करना चाहिए।
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