AMBIKAPUR NEWS – मटका प्रदर्शन से गूंजा पीजी कॉलेज प्रांगण: आज़ाद सेवा संघ का अनोखा विरोध।
राजीव गांधी पी.जी. कॉलेज Ambikapur में आज़ाद सेवा संघ द्वारा एक अनोखे और प्रतीकात्मक तरीके से धरना प्रदर्शन किया गया। महाविद्यालय प्रांगण में चार मटके रखकर कॉलेज की वर्तमान समस्याओं को रेखांकित किया गया—एक में गंदा पानी, एक में साफ पानी, एक रिक्त मटका और एक अन्य मटका रखकर यह संदेश दिया गया कि महाविद्यालय की स्थिति भी इन दिनों कुछ ऐसी ही हो गई है।
AMBIKAPUR NEWS – विभिन्न समस्याओं से छात्र परेशान –

Ambikapur news छात्रों और संघ ने महाविद्यालय प्रशासन Ambikapur का ध्यान गंभीर समस्याओं की ओर आकर्षित किया, जिनके चलते छात्र समुदाय को असहनीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है:
- पेयजल संकट और आरओ की दुर्दशा:
महाविद्यालय में स्थापित सभी वाटर आरओ लंबे समय से खराब पड़े हैं। भीषण गर्मी के इस मौसम में छात्रों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। हाल ही में एक आरओ से मरी हुई छिपकली मिलने की घटना ने स्थिति की भयावहता को उजागर किया है। अन्य आरओ में भी काई और गंदगी जमा है, जो छात्रों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। - कक्षाओं में सफाई का अभाव और अनियमित शिक्षण:
महाविद्यालय की अधिकांश कक्षाएं नियमित साफ-सफाई से वंचित हैं, जिससे छात्रों को गंदगी और अस्वस्थ वातावरण में पढ़ाई करनी पड़ रही है। इसके अलावा, कक्षाओं का नियमित संचालन न होना छात्रों की पढ़ाई को प्रभावित कर रहा है। - तकनीकी समस्याएं और वित्तीय अनियमितताएं:
महाविद्यालय की वेबसाइट और सर्वर बार-बार ठप पड़ते हैं, जिससे छात्रों को फीस भरने और परिणाम देखने में कठिनाई होती है। साथ ही, दिनांक 6 मई 2025 को एटीकेटी फॉर्म भरने के दौरान छात्रों से ₹900 के स्थान पर ₹1100 की वसूली की गई, जो वित्तीय अनियमितता का स्पष्ट उदाहरण है। ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, जिससे छात्र समुदाय में रोष है।
AMBIKAPUR NEWS – एक माह के भीतर कार्रवाई की मांग –

Ambikapur news – आज़ाद सेवा संघ ने प्राचार्य को अंतिम चेतावनी दी है कि यदि एक माह के भीतर इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो संघ को छात्रों के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन छेड़ना पड़ेगा और प्राचार्य के इस्तीफे की मांग की जाएगी। संघ ने यह भी अपील की है कि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए, ताकि महाविद्यालय में एक स्वस्थ, स्वच्छ और अध्ययन के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।