AMBIKAPUR NEWS – भक्तिभाव से सम्पन्न हुआ गोधनपुर में नवनिर्मित हनुमान मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह …वैदिक मंत्रोचार के बीच स्थापित की गई प्रतिमा।
गोधनपुर के नवनिर्मित हनुमान मंदिर में भगवान श्री हनुमान की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन एक बहुत ही धार्मिक और उत्सवपूर्ण रंगारंग की गई। इस कार्यक्रम ने मंदिर के परिसर को भक्तिमय वातावरण से सजाया।
AMBIKAPUR NEWS – हनुमत ध्वज का विधि-विधान से किया गया किया गया स्थापित –
गोधनपुर में श्री हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भक्तों की भीड़ ने कार्यक्रम को और भी उत्साही और रोमांचक बना दिया। प्राण-प्रतिष्ठा के महोत्सव में पहले मंदिर प्रांगण में हनुमत ध्वज का विधि-विधान से स्थापना किया गया, जिसने सभी को धार्मिक भावों में ले जाने का अनुभव दिलाया। इसके बाद, भव्य कलश शोभा यात्रा निकली, जिसमें श्रद्धालुओं ने भाग लिया और उनके चेहरों पर आनंद का प्रकटायन हुआ। यह आयोजन न केवल धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि समाज को एकसाथ लाने और सामूहिक भावनाओं को बढ़ावा देने का भी उत्तम उदाहरण है।
AMBIKAPUR NEWS – महिलाओं द्वारा निकाली गई कलश शोभायात्रा –
कलश शोभायात्रा की महत्वपूर्ण यात्रा ने गोधनपुर नगर को धार्मिक और सामाजिक ऊर्जा से प्रेरित किया। यह यात्रा कलश के साथ शिव मंदिर से शुरू होकर महेश्वर मंदिर तक पहुंची, जहां विशाल हनुमान मंदिर है। इस मंदिर में संपूर्ण समर्पण और आदर्शता के साथ हनुमान जी के लिए आयोजित की गई पूजा और अर्चना ने भक्तों के मनोबल को बढ़ाया।
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AMBIKAPUR NEWS – महिलाओं द्वारा निकाला गया कलश शोभायात्रा
कलश यात्रा के अनुसार, नगर के विभिन्न भागों से लोगों ने भाग लिया, जिसमें माताएं, बहनें, वरिष्ठजन, और युवा शामिल थे। इसके बाद, हनुमान जी के प्रति भक्तों का आदर और समर्पण देखकर एकांत और ध्यान में विलीन हो गया।
मंदिर में हनुमान जी का संपूर्ण अधिवास कराया गया, जिसमें उन्हें महास्नान और विशेष शृंगार किया गया। फिर, उन्हें रथ यात्रा के माध्यम से नगर में हर्षोल्लासपूर्ण भ्रमण कराया गया, जिसने उनके भक्तों में आनंद और उत्साह का आभास किया।
AMBIKAPUR NEWS – भगवान हनुमान जी की प्रतिमा को सिंहासन पर विराजा गया –
यात्रा के अंत में, हनुमान जी को उनके मंदिर में दिव्य सिंहासन पर विराजित किया गया, जो उनकी विशेष गरिमा को प्रकट करता है। इस उत्सव के माध्यम से, लोगों के आत्मविश्वास और धार्मिक आदर्शों में वृद्धि हुई, और उनके जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ। इस समारोह ने समाज के एकात्मता और सामर्थ्य को प्रोत्साहित किया, और साथ ही धार्मिकता और समाज सेवा के महत्व को भी प्रमोट किया।