AMBIKAPUR – अंबिकापुर में सक्रिय महिला फ्रॉड से सावधान! विशेष लेख में अनुराग सिंह राजपूत ने की अम्बिकापुरवासियों से सतर्क रहने की अपील।

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AMBIKAPUR – अंबिकापुर में सक्रिय महिला फ्रॉड से सावधान! विशेष लेख में अनुराग सिंह राजपूत ने की अम्बिकापुरवासियों से सतर्क रहने की अपील।

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गांधी स्टेडियम और सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के इर्द-गिर्द चहल-कदमी करने वाले “अंबिकापुर वासी” सतर्क रहें।
आप अंबिकापुर वासी हों या न हों, कृपया पूरा पढ़ें ताकि आप भी कभी किसी फ्रॉड का शिकार होने से बच सकें।

(विशेष लेख – अनुराग सिंह राजपूत, अम्बिकापुर)

AMBIKAPUR – महिला ने बिना कारण बताए मांगे दो-तीन सौ रुपए –

बीते कुछ दिनों पहले एक शाम शाम सत्तीपारा रोड के टर्निंग के पास, जहां से सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल की झलक दिखना प्रारंभ हो जाती है, वहां मुझे एक महिला मिली, जिसने कंधों पर बैग और हाथ में थैला ले रखा था। चेहरे का रंग गोरा था और बाल हल्के घुंघराले तथा ब्राउनिश कलर किए हुए थे। कद लगभग 4-5 फीट रहा होगा। वेशभूषा और बात करने के सलीके से पढ़ी-लिखी और अच्छे घर की प्रतीत हो रही थी।

मैं भी कल किसी काम से देवीगंज रोड की तरफ पैदल ही जा रहा था, तभी मुझसे कुछ कदम आगे चल रही वह महिला रुककर पीछे मुड़ी और मुझसे पूछा – “आपके पास 2-3 सौ रुपए होंगे क्या?” मैंने भी रुककर उनसे शालीनता से पूछा – “आपको कैश चाहिए या फिर फोन पे?” उन्होंने जवाब दिया – “नहीं, ऐसे ही, मुझे जरूरत है इसलिए मांग रही हूं।”

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इस दौरान ना ही उनके चेहरे पर ऐसी कोई विशिष्ट जरूरत दिखी, न ही बॉडी लैंग्वेज से, तो मैंने उन्हें सीधे पैसे देने से इंकार कर दिया और फिर वह महिला बिना कुछ बोले पुनः आगे की तरफ बढ़ गई। यहां आपको थोड़ा अटपटा नहीं लगा? यदि उन्हें वास्तव में जरूरत होती तो वह अपनी समस्या बताती, इसके साथ ही प्रमाण प्रस्तुत करती, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। वह महिला मेरी प्रतिक्रिया के तुरंत बाद, मेरी जागरूकता और अनुभव का अंदाज़ा लगाते हुए, शायद कहीं और प्रयास करने के लिए बढ़ चुकी थी।

नोट: मेरे पास उनकी सहायता करने के लिए उस वक्त कैश और फोन पे दोनों उपलब्ध थे।

AMBIKAPUR – पूर्व में भी महिला ने लोगों से मांगे पैसे –

इतना पढ़ने पर शायद आप में से कुछ को यकीन न हो कि वह महिला फ्रॉड थी! तो पुष्टि कर दूं, जिसका स्पष्टीकरण कल रात को ही मैंने कर लिया था। उस महिला से छुटकारा पाने के तुरंत बाद, मेरे दिमाग में एक जूनियर से कुछ दिन पहले व्हाट्सएप पर हुए संवाद की याद आ गई। मैंने रोड क्रॉस करते ही झट से उसे कॉल किया, लेकिन काम में व्यस्त होने के कारण उसने फोन नहीं उठाया। पर रात 9 बजे के आसपास जब उसने कॉल बैक किया, तो मेरा शक यकीन में बदल गया कि मेरा जो उस महिला के लिए शक था, वह बिल्कुल सही था – कि वह महिला फ्रॉड ही थी।

दरअसल, हमारे विद्यालय के एक जूनियर (रवि) के साथ कुछ दिन पहले गांधी स्टेडियम में घटित एक घटना के मुताबिक, ठीक इसी वेशभूषा की एक महिला ने रवि से बिना किसी समझौते के पैसे लिए थे, जिसका ज़िक्र रवि ने मुझसे कुछ दिन पहले व्हाट्सएप पर किया था। उस महिला से छुटकारा पाने के बाद, रवि को कॉल न लगने पर मैंने वह चैट दुबारा पढ़ी थी और मुझे कहीं न कहीं यकीन हो गया था।

रात को रवि से कॉल पर बात करने के दौरान, मैंने उस महिला की सारी पहचान बताई, तो रवि ने चौंकते हुए मेरे सारे कथनों पर हामी भरी और मायूस हुआ, क्योंकि उसने अपने नज़रिए से एक जरूरतमंद की सहायता की थी, पर यहां वह उस महिला का शिकार हो गया था। मैंने उसे आगे के लिए सतर्क किया और कुछ बातें करके फोन रख दिया।

इस पुष्टि के बाद मैंने यह अनुभव आपकी जागरूकता और सतर्कता को बढ़ावा देने के लिए लिखना ज़रूरी समझा।

AMBIKAPUR – सोच समझकर करें लोगों की आर्थिक मदद –

आप सभी से अपील है कि पैसों की अहमियत को समझें और उनका इस्तेमाल सही जगह पर और बहुत सोच-समझकर करें। इस तरह की घटनाएं आए दिन देखने को मिलती रहती हैं, जो वर्तमान में हो रहे फ्रॉड से अभिभूत हैं, और सदैव सतर्क रहने वाले तो बच जाते हैं, पर कई बार पढ़े-लिखे और मासूम लोग इसके शिकार हो जाते हैं।

(आप भी भेजना चाहते हैं इस प्रकार जागरूकता संदेश या अपने लेख तो दिए आईडी पर करें ईमेल। ) apnaambikapur@gmail.com

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