शहर सीमा में दरिमा मोड़ के समीप भोलेनाथ, माता पार्वती व पुत्र गणेश की जीवंत झांकी श्रद्घालुओं के लिए

दरिमा मोड़ पर भोलेनाथ हाथ में त्रिशुल व डमरू लिए भक्ति गीतों के बीच

झूमते-नाचते रहे जिससे श्रद्घालुओं का उत्साह चरम पर रहा।

रिमझिम बारिश के बीच अंबिकापुर के शंकरघाट बांकी नदी से जल उठाकर

कावड़िए 80 किलोमीटर दूर कैलाश गुफा में जलाभिषेक के लिए रवाना हुए।

भोलेनाथ के गीतों व बाजे-गाजे के साथ निकली इस अद्भुत

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