CAA – देशभर में लागू हुआ नागरिकता संशोधन कानून …पड़ोसी देशों में प्रताड़ित हिंदू, सिख सहित 6 समुदायों के लोगों को मिल सकेगी भारतीय नागरिकता।
केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम है। इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी।
CAA – 2019 में लाया गया था केंद्र सरकार द्वारा यह कानून –
साल 2019 में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कानून पर गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। लेकिन नागरिकता के लिए कैसे अप्लाई करना है, इस पर गृह मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी है। गृह मंत्रालय के अनुसार, इसमें सिर्फ आनलाइन ही आवेदन किए जा सकेंगे। इनका नाम सिटिजनशिप अमेंडमेंट रूल्स 2024 रहेगा और पात्र लोग ही वेबसाइट पर आवेदन कर सकेंगे।
CAA – ऑनलाइन आवेदन होंगे स्वीकार –
सरकार इसके लिए एक वेब पोर्टल भी लेकर आएगी। वेबसाइट पर जाने के बाद सबसे पहले दिखेगा कि सीएए आवेदन कैसे प्रेसेस किया जाए। उसके बाद प्रोसेस के लिए एक अलग पोर्टल बनाया जा रहा है। जहां पर सभी आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किए जायेंगे।
CAA – से जुड़ी कुछ प्रमुख बिंदु –
◆ भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव के लिए 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAB) संसद में पेश किया गया था।
◆ यह लोकसभा में 10 दिसंबर 2019 और अगले दिन राज्यसभा में पास हुआ। 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही सीएए कानून बना।
◆ भारतीय नागरिकता कानून 1955 में अब तक 6 बार (1986, 1992, 2003, 2005, 2015, 2019) संशोधन हो चुका है।
◆ पहले भारतीय नागरिकता लेने के लिए भारत में 11 साल रहना जरूरी था। नए संशोधित कानून में ये अवधि घटाकर 6 साल कर दी गई है।
◆ नागरिकता संशोधन विधेयक का पूर्वोत्तर राज्यों खासकर बांग्लादेशी सीमा से सटे असम-पश्चिम बंगाल में काफी विरोध हुआ था।
◆ असम के लोगों का तर्क था कि बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिंदुओं को नागरिकता देने से यहां के मूल निवासियों के अधिकार खत्म होंगे।
◆ केंद्र सरकार असम में नेशनल सिटीजन रजिस्टर (NRC) भी लाई थी, जिसका मकसद यहां रह रहे घुसपैठियों की पहचान करना था।