AMBIKAPUR MAHASHIVRATRI – महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर अम्बिकापुर में पूजा-अर्चना के साथ हुआ भंडारे का आयोजन …शाम को धूम-धाम से निकली शिव जी की बारात।

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AMBIKAPUR MAHASHIVRATRI – महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर अम्बिकापुर में पूजा-अर्चना के साथ हुआ भंडारे का आयोजन …शाम को धूम-धाम से निकली शिव जी की बारात।

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AMBIKAPUR MAHASHIVRATRI – रात 10 बजे पहुंची गौरी मंदिर बारात –
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महाशिवरात्रि के अवसर पर शहर में भगवान शिव की अनूठी बरात निकली। बाजे-गाजे व ढोल-नगाड़े के साथ निकली बरात का नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया। रात्रि लगभग 10 बजे बरात पुलिस लाइन स्थित गौरी मंदिर पहुंची जहां द्वारचार हुआ और रात्रि में मंत्रोच्चार के साथ शिव-पार्वती का विवाह संपन्न हुआ। पूरा माहौल उत्साह, उमंग व श्रद्धाभाव में डूबा रहा। शनिवार तड़के बरात की वापसी होगी।

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AMBIKAPUR MAHASHIVRATRI – लोगों ने गीत-संगीत के साथ मनाया पर्व –

महाशिवरात्रि के उत्सव का चलन, गुलाल और धमाल के साथ, शहर में अत्यंत उल्लास और आनंद का संगम लाया। भगवान शिव की बरात में लोगों ने खुशी के साथ भाग लिया, नृत्य और संगीत का आनंद लिया और अपने मन के साथ ही अपने आसपास के लोगों के साथ खुशियां बांटी। बजाय गाजे की शोरगुल से शहर ने अपनी धरती पर भगवान शिव का स्वागत किया।

AMBIKAPUR MAHASHIVRATRI – श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ –
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रात के समय, बरात ने गौरी मंदिर के द्वार पर अपनी यात्रा समाप्त की, जहां शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ। लोग अपनी भक्ति और श्रद्धा के साथ इस शुभ घटना का साक्षी बने और शिव की कृपा और आशीर्वाद की कामना की। यहां पर, धार्मिक और आध्यात्मिक महापर्व के रूप में महाशिवरात्रि का उत्सव नहीं सिर्फ एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह लोगों के मन में शिवत्व के प्रतीक की भावना को भी उत्पन्न करता है।

यह समारोह उमंग, आनंद और भक्ति की ऊर्जा से भरा हुआ था, जो लोगों के दिलों को प्रसन्नता और शांति से भर देता है। इस उत्सव ने लोगों को अपने धार्मिक और सामाजिक मूल्यों को समझने और मानने की दिशा में प्रेरित किया। शनिवार की सुबह, जब बरात ने शहर को अलविदा कहा, तो लोगों ने अपने दिलों में महाशिवरात्रि के उत्सव की स्मृति संगृह की और नए उत्सव के लिए उत्सुकता से इंतजार किया।